Saturday, December 22, 2012

इतना होंसला देंना मुझे

जानती हूँ ..
तुम मंजिल नहीं हो ...
 बस एक ठिकाना हो......
जहाँ से मंजिल  का नजारा नजदीक दिखता है मुझे ......!


जानती हूँ ...........
तुम  हमसफर नहीं हो .....
बस एक राही हो इस राह के ......
जिसके साथ चंद कदम चलने है मुझे..........!


जानती हूँ ........
कल ये राहें  भी जुदा हो जायंगी ........
मैं जूटा  पायुं इतनी हिम्मत ........
हे खुदा .... इतना होंसला देंना मुझे !!

Monday, December 17, 2012

                       एस सी ; एस टी  बिल पास

206 मत पक्ष में ..10 पड़े विपक्ष में;
यु.पी.ए. और एन.डी.ए. ने साथ निभाया ,
समाजवादी पार्टी तथा शिवसेना ने भारी विरोध जताया !

राज्य सभा की सीढ़ी तो हो गयी पार....
पर अभी भी लोक सभा की सीढ़ी है बाकी;
देखते हैं कौन-कौन वहां साथ निभाएगा साथ साकी !

बिल पास होने पर....
बसपा प्रमुख मायादेवी ने सबका आभार जताया;
जबकि सपा प्रमुख रामगोपाल ने इसे देश-हित विरोधी बताया,
बीजेपी प्रमुख रविशंकर ने इसे....सामाजिक न्याय;माध्यम सविधान बताया;
लोकपा प्रमुख रामविलास ने "हम साथ है" आश्वासन दिलाया !

पर क्या ये विधेयक....समाजिक दृष्टि से है सही ?
कुछ की हाँ....कुछ की है नहीं....
पर जरा परिस्तिथि समझिये....
पहले ही इनकी राह में रोड़े अटका दिए जाते;
सब कुछ होते भी ये आगे नहीं बढ़ पाते,
बहुत शोषण हो चूका इनका....क्या था ये सही;
ये दबे घुटे लोग.... इज्जत चाहते हैं ....पैसा नहीं !

थी भारी कशमकश ....
पर फिर भी ये बिल;राज्य सभा में पास हो पाया ....
पर आगे लोक सभा में क्या होगा,
ये तो समय ही बतायेगा भाया !

Wednesday, October 31, 2012

कौन बनाएगा उल्लू हमे अब की बार ....??





 











कौन बनाएगा उल्लू हमे अब की बार ....??

जन जन करे हर पल यही सवाल ....
कौन बनाएगा उल्लू हमे अब की बार ....
"दूँ  हाथ का साथ" 
"या कमल को बनायुं सफल"
"या बन जाऊं हाथी का साथी "
ये बात जरा हमे समझ न आती ....!!

कौन इस बार बाजी ले जायेगा ?
कौन हमे कम उल्लू बनाएगा ?
कौन अन्धो में काना राजा कहलायेगा ?

Tuesday, October 30, 2012

गुफ्तगू

मैंने कहा-की हे ख़ुदा !
बिना मेहनत के मुकाम हासिल करा दे ...
वाजिब है मेरी चाह ....इस हसरत को मुकमल बना दे !!

खुदा बोला.....करा तो दूंगा !

खुदा बोला.....करा तो दूंगा !
पर तू ही है वो कम्बख्त.....जो मुझे तेरी ही चाह पूरा करने से रोकता है"
तेरी मंजिल पे तुझे पहुँचाने से रोकता है""

.....क्यूंकि कितना कुछ मैंने तुझे तेरे बिना चाहे ही दे दिया.....
.....और तब शुक्रिया करने का भी तूने फ़र्ज़ न अदा किया.....

और अब अच्छा लगता है जब तू दिन रात मेहनत करता है .....
कम से कम अब तो.....तू मुझे याद करता है !!