अकेली राह ..अकेला सफ़र ....
रुकने का ...थमने का ....मन करता है ....पर मान ही नहीं रहा साक़ी ....
शायद .......अभी भी और तूफानों में ...ठोकरे खानी है बाकि .....
अभी भी और तूफानों में ...ठोकरे खानी है बाकि .....
मान ही नहीं रहा साक़ी ....मान ही नहीं रहा साक़ी ....!
रुकने का ...थमने का ....मन करता है ....पर मान ही नहीं रहा साक़ी ....
शायद .......अभी भी और तूफानों में ...ठोकरे खानी है बाकि .....
अभी भी और तूफानों में ...ठोकरे खानी है बाकि .....
मान ही नहीं रहा साक़ी ....मान ही नहीं रहा साक़ी ....!