Wednesday, March 16, 2011

परमाणु बिजली-उचित या नहीं ?

परमाणु बिजली-उचित या नहीं ?

जापान में आये भयंकर सुनामी और भूकंप ने, ना केवल जान-माल का नुकसान किया है बल्कि भयंकर परमाणु मुसीबत भी खड़ी कर दी है!हाल ह़ी में फुकुशिमा सयंत्र के चोथे रिअक्टेर में आग लग गयी,जिससे परेशानी और भी गहरा गयी है!परमाणु विकिरणों का रिसाव बढता ह़ी जा रहा है!सामान्य तौर पर एक मनुष्य एक साल में 1000 रैम/ यूनिट परमाणु विकिरने अपने आस-पास से लेता है!पर अब यही मात्रा फुकुशिमा सयंत्र से सटे इलाको में आठ गुना[8000 रैम/ यूनिट] हो गयी है! ये एक भयंकर चिंता का विषय है,क्यूकि यह मात्र कम नहीं हो रही;अपितु बढती ह़ी जा रही है!पूरा जापान सहमा हुआ है और आस-पास के देश भी डरे हुए हैं!ये विकिरनें जल तथा वायु के माध्यम से फैलती है,और अभी ये देखना बाकी है कि ये किरने आबादी वाले क्षेत्र कि तरफ जाती है या समुद्र की और?फिलहाल इस सयंत्र से 800 कि.मी.दूर भी इन जानलेवा विकिरणों के अंश पाए गए है!

इसने एक प्रश्न तो खड़ा कर ह़ी दिया है कि परमाणु बिजली सही है या नहीं? विकसित और विकासशील देशों में मूलतः यही अंतर होता है कि किस के पास कितने परमाणु सयंत्र हैं?अगर विकास चाहिए तो परमाणु बिजली के साथ समझौता नहीं किया जा सकता क्यूकि सिर्फ कोयला जलाने तथा जल कि मदद से इतनी ऊर्जा[बिजली] पैदा नहीं कि जा सकती;जितनी कि आवश्यकता है!

पर हाँ,ये बात तो पक्की है कि जापान में आई परमाणु त्रासदी हमारे लिए एक सबक है कि हमे परमाणु सयंत्र के डिजाईन और बेहतर बनाने होंगे!हालाँकि अभी तक के रिकॉर्ड अच्छे हैं तथा भारत में परमाणु सयंत्र भूकंपीय जोन से बाहर ह़ी बनाये गए हैं!पर फिर भी प्राकृतिक आपदा एक ऐसी चीज है जो इन्सान के हाथ से बहार कि बात है तो इसलिए परमाणु संयंत्रों का सुरक्षा पैमाना उच्च स्तरीय हो,अति आवश्यक है!


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