Tuesday, July 7, 2009

क्या यही प्यार है........................................

"'उसके मन में थी एक छवि,
जिसने बना दिया उसे कवि ,
उसके मन की ये छवि उसके पड़ोस में
रहती थी,
और एक बार भी दिख जाती ,
तो हो जाता कवि का मन सुखी ,
क्यूँकि उसका नाम ही नही वो ख़ुद भी थी चन्द्रमुखी .........................!
करता था वो उससे बेहद प्यार ,
और लगता था उसे , नही कर पाएगी वो भी इंकार,
जब वो करेगा उससे अपने प्यार का इजहार........................................!!
और एक दिन मौका पाते ,
जब किया उसने चंद्रमुखी से किया अपने प्यार का इजहार,
तो चंद्रमुखी कुछ यूँ बोली......
क्या हो तम ? क्या है तुम्हारी ओकत ?
कि ले केर गए बड़े अपनी प्यार की सौगात .....................................!
इस पैर बिचारे कवि का दिल टुटा ,
मनो निर्धन का धन लुटा,
इस पर कवि ने ये ठानी ,
याद दिलानी पड़ेगी ख़ुद को ही नानी !!
बड़े-बड़े पोथे क्या पड़ने शुरू किए,
बाये चांस बाये लक प्रशासनिक सेवा में भी चुन लिए गए ;
एक कवि बना है प्रशास्न्धिकारी .........
ये बात आग की तरह फेली .........................!
और इस पर वो भी पहुँची.....
प्रशास्न्धिकारी के पास................
जिसका नाम था चंद्रमुखी ......................
ताकि कर सके अपना जीवन सुखी ............................!!
पर आज ,इस पर;
एक प्रशास्न्धिकारी कुछ यूँ बोले..........
कि क्या-क्या पढ़ा आज तक उसके राज पट-पट खोले ........................
कैसे हम करले तुमको स्वीकार आज ,
हम यहाँ पर पहुंचे ...............
इसके पीछे है एक बहुत बड़ा और गहरा राज . ... अरे हम तो एक शिष्य है
और तुम ही तो हो हमारी गुरु महाराज..........."'

20 comments:

  1. बहुत बढ़िया है जी !
    चंद्रमुखी को सही जवाब मिला !
    वो जमाना गया जब लोग देवदास बन जाते थे !

    लिखते रहिये !

    हार्दिक शुभकामनायें !


    कृपया वर्ड वैरिफिकेशन की उबाऊ प्रक्रिया हटा दें !
    इसकी वजह से प्रतिक्रिया देने में अनावश्यक परेशानी होती है !

    तरीका :-
    डेशबोर्ड > सेटिंग > कमेंट्स > शो वर्ड वैरिफिकेशन फार कमेंट्स > सेलेक्ट नो > सेव सेटिंग्स


    आज की आवाज

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  2. Mahila ke tiraskar se hua utthan. Are aap to Kalidas va Tulsi ki sreni me aa gaye.

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  3. लिखते रहिये और इस उर्जा को कायम रखिये आप का चिठाजगत में स्वागत है....

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  4. "a very very thanx .............muche khushi hai ki .........meri ye rachna ,aapko pasand aayi ......isse muche bahut protsahan mila hai ......."


    haan ek or baat ye kavita ek real theme per aadharit hai ........means sachmuch me ye kisi ke saath hua hai ........"

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  5. bhai waah waah
    bahut khoob !

    swagat hai aapka .............

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  6. Nice poem. Words are simple with full of flow.

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  7. "thanx again ............i m new here ..... ise tarah guide karte rahiye"

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  8. यथार्थ और सुन्दर चित्रण किया आपने..

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  9. रूप हजारों जिसके होते कहेंगे किसको प्यार।
    दौड़ यहाँ पर विश्वग्राम का प्यार बना व्यापार।।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com
    shyamalsuman@gmail.com

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  10. हिंदी भाषा को इन्टरनेट जगत मे लोकप्रिय करने के लिए आपका साधुवाद |

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  11. अच्छा है कि चंद्रमुखी है पारों नहीं है धोखा तगड़ा मिलता हाहाहाहहा सुंदर रचना है आपकी

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  12. "bahut bahut dhanyavad................"

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  13. अच्छा लिखा...
    लिखते,लिखते कविता भी होने लग ही जाएगी...
    शुभकामनाएं...

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  14. great poem.....keep it up....

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  15. बहन प्रीती
    ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है

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  16. "what a exelence in poem............"


    "wow .................wonderful"

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  17. बहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

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