"माँ.............. ममता की मूरत ,प्यार की सूरत !"
"माँ ...........
जो कर अपनी जरुरतो को दरकिनार ..........
लाती है उसके के लिए खिलौना,
जिसे वो करती बेहद प्यार !"
"माँ ...............ममता की मूरत ,प्यार की सूरत !''
''माँ .............
जो जी सकती है कमियों के अम्बार में ...........
ताकि दे सके सच्चा योगदान ;
अपने बच्चे के भविष्य के सवांर में !''
"माँ ...............ममता की मूरत ,प्यार की सूरत !''
''अंत में उसी माँ का एक अंश ;
कहना चाहती है इतना .................
माँ का कहना हमेशा कहना सुनना ;
माँ का हमेशा आदर करना ;
माँ है तो सब कुछ है .............
माँ नही तो कुछ भी नही..........!! "
"great poem.............
ReplyDeletedil ko chu diya..............."
thanx...............
ReplyDeletemaa ke liye bhawanye jo bhi kahi aapne ..umda.. shabd kam pad jaate hain uski tareef me..... well done
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